5.6.18

सरकारी नौकरी

सरकारी नौकरी  

न्यूज-पेपर्स में हाल के दिनों में न्यूज आयी कि रेलवे की 90,000 रिक्तियों (vacancies) के लिए 2.50 करोड़ उम्मीदवारों ने आवेदन किया। यदि  सभी आवेदकों को 500 रूपये  के आवेदन शुल्क वाला उम्मीदवार मान लिया जाए तो रेलवे के पास लगभग 1250  करोड़ की भारी भरकम रकम आवेदन शुल्क जमा हो गई।  
 अधिसंख्य युवा रोजगार सुरक्षा, उन्नति के सुअवसर आदि लाभों के कारण सरकारी नौकरी को ही अपनी पहली पसंद के रूप में चुनते है।    
  सरकारी  नौकरी के लिए आवेदन पत्रों की अत्याधिक  संख्या को देख , यह अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। परन्तु सरकारी नौकरी की संख्या  कम होने के कारण  व् युवाओं की अत्याधिक संख्या को देख यहां यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि  सरकारी नौकरी की  स्तिथि  ऊँट के मुहं में जीरा के समान है।  यहाँ अनार सौ बीमार वाले हालत हैं।   

 निरंतर लागू होते पे कमीशनों ने सरकार पर आर्थिक बोझ लाद ,कमर तोड  कर रख दी।  केंद्र व्  राज्य सरकारें चाह कर भी नई भर्ती नहीं कर पा रहीं है।  इससे  एक ओर  जहां युवा बेरोजगार है वहीं सरकार में युवा  व् टेक सेवी कर्मचारियों की भारी कमी है। कर्मचारियों की कमी को पूरा करने  लिए जहां रिटयरमेंट की आयु बढ़ाई जा रही है।  सेवानिवृत कर्मचारी को  को पुनः काम पर रखा जा रहा है। परन्तु सरकारों के इन कदमों से युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है।    
  सरकार के पास एक उपाय यह है कि  युवाओं को  5—10 वर्ष की अवधि  तक देश सेवा के लिए फिक्स मासिक वेतन भत्ते  जैसे Rs.15000- Rs.20000  पर  नियुक्ति किया जाए। निर्धारित अवधि  पूर्ण पर ऐसे कर्मचारियों को  नियुक्त पद के बराबर  पूर्ण वेतनमान  प्रदान किया  जाए।    
इस कदम से  देश में युवा  बेरोजगारी कम होगी । सरकार में युवा टेलेंट आएगा। साथ ही नए वेतनमानों का सरकारों पर अधिक आर्थिक भार भी न पड़ेगा। कुशल वर्क  फ़ोर्स  बढ़ने से सरकार की कायर्कुशलता बढ़ेगी 
इस नीति से सामाजिक, आर्थिक  व् राजनैतिक लाभ भी होगा। युवा को देश सेवा का अवसर मिलेगा ,जिसमें वो अपने टेलेंट का  योगदान दे सकेगा 
   देश के नीति निर्धारकों  को इस विषय पर विचार करना चाहिए।  सचमुच में यह कदम सबके साथ-सबके विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। 
जयहिंद !  जय भारत !

2.6.18

मेट्रो वॉक

मॉर्निंग वॉक , इवनिंग  वॉक  तो  सभी ने सुना है, पर  “मेट्रो-वॉक” भी हो सकती है , यह 01.06.2018 को घटित हुआ।   शाम लगभग 6-7 के बीच आंधी के कारण  दिलशाद-रिठाला मेट्रो लाइन पर लाइन नंबर-1 में रूकावट पैदा होने से मेट्रो सर्विस में रुकावट पैदा हो गई।  मेट्रो सेवा  काफी लंबे अंतराल से  रिठाला से तीस हजारी के बीच ही चली। 
 शाहदरा , दिलशाद गार्डन  आदि स्थानों पर जाने  वाले यात्रियों  को काफी असुविधा  हुई।  भारी भीड़ के कारण  तीस हजारी से  उचित सार्वजनिक  यातायात का  साधन न मिलने के कारण सैकड़ों की संख्या में पैदल यात्री बस अड्डे  पुल  से  शास्त्री पार्क ,सीलमपुर की ओर “मेट्रो-वॉक” करने लगे।   
पॉजिटिव  सोच ने ही  इस  पैदल मार्च को मेट्रो-वॉक का नाम दिया । जिसमें हल्दी लगी फिटकरी रंग चोखा आया  देखते ही देखती सैकड़ों की संख्या में ऑफिस से घर लौटते लोग मेट्रों -वॉक का अटूट  हिस्सा बन गए।     
 यमुना पुल  से रात्रि  लगभग नौ बजे गुजरते हुए  शांत  यमुना नदी की ओर  से हवा के   ठन्डे  झोंके यमुना मैया के आर्शीवाद  से कम  न लग रहे थे। कुछ लोग  बीच-बीच में  पानी , ठंडा  से अपनी थकान मिटाने के  पटरी पर बैठे  थे । लोग  पिकनिक जैसा मजा लेने पर उतारू थे।  
ऐसा लग रहा था मानों सभी   मेट्रो वॉक  से  सुखद   स्वास्थ्य  लेने का मौक़ा ढूंढ रहे थे। जो मेट्रो की खराबी ने  उन्हें प्रदान कर दिया।  सकारात्मक  सोच का ये ही तो लाभ  होता है।  ठीक इसी  कहावत की तरह - गीदड़ जब गिर जाये खाई में , तो सोचे आज की रात यहीं विश्राम सही। निश्चित ही यह मेट्रो वॉक अदभुत  व् अकल्पनीय थी ।आशा है आज सभी की मेट्रो वॉक  सुखद रही होगा।  
  कल का दिन हम सब के लिए शुभ हो।  इसी के साथ- शुभ रात्रि। 


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