16.1.20

PM-UDAY- एप्लीकेशन फाइल मे देरी


PM-UDAY ( पी एमउदय)  ! प्रधानमंत्री-अनधिकृत कॉलोनी दिल्ली आवास अधिकार योजना !  दिल्ली  1731 अनधिकृत कॉलोनियों  ( कच्ची कॉलोनी) को इस योजना का लाभ मिला है। इन्हीं कोलोनिंयों  में से एक नाम  न्यू मॉडर्न शाहदरापॉकेट-  दिल्ली-32 का  भी है Ɩ
 दिल्ली अनधिकृत कालोनियों में दिल्ली  लगभग 2 करोड़ आबादी का  पांचवा  हिस्सा  रहता है। यहाँ लगभग  10 लाख घरों में रहने वाले  50 लाख  लोगों के लिए केंद्र सरकार की यह योजना किसी वरदान से कम  नहीं।  इस प्रयास के लिए सभी केंद्र की टीम की पहल का तहेदिल से शुक्रगुजार है  
 दिल्ली  एक मिनी इंडिया है।   यहाँ सीमित अधिकार वाली विधान-सभा हैजिसमें 70 MLA है जो दिल्ली की 7 लोकसभा व् 3 राज्य सभा की सीट के अतिरिक्त है। दिल्ली की राज्य-सरकार  का  अन्य कार्यों के इलावा एक महत्वपूर्ण कार्य दिल्ली नगर निगम, केंद्र सरकार व् केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर  तालमेल स्थापित करना भी हैराज्य -केंद्र के  बेहतर  सम्बन्ध  यहाँ के जनजीवन व्  विकास को सीधा प्रभावित करते है। 
दुर्भाग्य से हाल के वर्षो में  राज्य के केंद्र के संबंधों में बेहतर तालमेल की कमी खली है। जिस कारण दिल्ली का विकास प्रभवित हुआ है।  
   इसी कारण अनधिकृत कॉलोनी का मामला  सालों साल से लटका रहा । अनधिकृत कॉलोनी हल केंद्र सरकार के सहयोग के बिना कतई  संभव नहीं। सौभाग्य से  केंद्र सरकार दवरा  “पी एमउदय योजना इसी दिशा में उठाया गया एक सराहनीय व् महत्त्वपूर्ण कदम है, जिसकी प्रतीक्षा वर्ष 1993 से मदनलाल खुराना-साहिब सिंह वर्मा जी के समय से की जा रही है ।   
 दिसम्बर 19 से शुरू हुई  PM–UDAY  योजना के अंतर्गत  अभी तक DDA  पोर्टल पर 1,58 ,000 से अधिक मकान मालिकों का रजिस्ट्रेशन  हो चुका है। परन्तु इस अनुपात में एप्लीकेशन फाइल करने की संख्या न के बराबर है, जो  ब्लॉग लिखने तक केवल 185 है।  
इसका कारण मकानों के नक़्शे-जिओ टेगिंग  के लिए DDA दवरा अधिकृत/चयनित  जिओ-कॉर्डिनेट्स  एजेंसी  के  काम में देरी है। जो कार्य की अधिकता के कारण है।  एजेंसी की फीस जमा करने के बाद भी 15 दिन से अधिक का समय लग रहा है। 

उदाहरण के लिए मैंने सम्बंधित एजेंसी को  29,DEC ,19 को ऑन-लाइन पेमेंट जमा  की , परन्तु एजेंसी को जियो टेंगिग पेंडिंग है Ɩ 
 कार्य की अधिकता के कारण  देरी का यह    कारण  उचित लगता है।  यदि मकानों के नक़्शे के काम में तेजी लाई जाए तो एप्लीकेशन फ़ाइल करने की संख्या में भारी उछाल आ सकता है।  इस विषय पर सम्बंधित अधिकरियों  को विचार करने की आवश्यकता है।
  आशा है  दिल्ली के लोगों के लिए नए वर्ष 2020 में “PM-UDAY “  मालिकानां हक़ के रूप में अभूतपूर्व तोहफे के रूप में देखी जाएगी।  जिससे  कालोनी के विकास, लोगों का जीवन स्तर ऊंचा होने के साथ-साथ  दिल्ली सरकार व् नगर निगम की आय में भी बड़ा सुधार आएगा। जो दिल्ली के विकास में एक मील का पत्थर  साबित होगा 
जय  हिन्द जय  भारत  
  

15.1.20

ATM से नोट की जगह कागज की नोट पर्ची



 ATM को लेकर  आये दिन कोई न कोई  खबर उछलती है Ɩ  जैसे-ATM  कार्ड  क्लोनिंग,  कार्ड बदलना, पासवर्ड  चुराना  ,  नकदी निकले बिना  अकाउंट  डेबिट  होना,  कम नकदी निकलना,  कटे फटे  या खराब नोट निकलना , एक आध जाली नोट निकलना ,  आदि-आदि-आदि ! जितने  ATM ( मुहं) उतनी  बात!   सभी का अपना  अलग-अलग अनुभव।अपनी ढपली अपना राग !  बस कोई  यह कड़वा  अनुभव मीडिया में  शेयर करता है, जिससे आप और हम सचेत हो जाते है, कोई इधर-उधर  दौड़  निराश  होकर , परिणाम  ढाक  के तीन पात आने पर , खून का घूँट पी कर रह जाता है।    
ऐसा लगता है मानों  ATM (Automated Teller Machine)  या आसान शब्दों में  कहें तो यह ऑल  टाइम मनी  मशीन 
   न हो कोई   ऑल टाइम  मैजिक मशीन हो गयी लगती है ।  न जाने क्या नया चमत्कार दिख जाए
इस प्रकार की घटनाओं से  बैंक ग्राहकों को मानसिक  तनाव, आर्थिक हानि होने के साथ-साथ ठगी भी होती है जो बैंकिंग सिस्टम पर विश्वास कम करता है।    
परन्तु कभी कभी ATM  में गलती से  ग्राहकों की छप्पर फाड़ लाटरी भी लग जाती है। जैसे-  NBT, 11 Jan. 20 ,  छपी  खबर को ही लीजिये  जिसमें  कर्नाटक में  कनारा बैंक ATM  से  ₹ 100 की जगह  ₹ 500 के नोट निकले। 
है न खबर मजेदारइसे मशीन की  गलती कहें या  मानवीय भूल, यह तो जांच का विषय है, पर चमत्कार तो दिखा ही।   अतः इस निष्कर्ष पर  पहुंचा जा सकता  है  कि इन चमत्कारिक  घटनाओं को देखते हुए , मेरे निजी विचार से  ATM  को यदि ऑल टाइम मैजिक मशीन कहा जाए तो तो कुछ भी गलत न होगा। 

अन्यों की तरह  कुछ इसी तरह का साक्षात चमत्कार मुझे भी दिखा। 
 4 Oct. 19 ( 10.15 AM लगभग )  SBI ATM  संख्या  -00691142  NSP ,  दिल्ली  से मुझे ₹ 10,000/- की बजाय ₹ 9,500/-,व् साथ में नोटों की  गिनती में  एक  बैंक की कागज की नोट पर्ची  जिस पर IDBI  बैंक  करेंसी चेस्ट पूसा रोड , नई दिल्ली छपा है ,  मिली।   जो एक नायाब यादगार निशानी के रूप में आज भी मौजूद है। यह इसी लिए हुआ , शायद  ATM मशीन कागज के टुकड़े  या  करेंसी नोटों में भेद नहीं कर पाती   अब इसे  जानबूझ कर धोखधड़ी  के इरादे से की गयी  मानवीय भूल कहें या कुछ और या चमत्कार ! यह जांच का विषय है। कहीं यह ATM में पैसे भरने वाले किसी कर्मचारी की कोई हेरा फेरी तो नहीं ?  
यह घटना  ATM -CCTV में भी गार्ड के सामने दर्ज कराई गयी , बैंक को कंप्लेंट भी की गयी ,  उनकी  तरफ से  पूरे  ₹ 10,000/- डेबिट होने की पुष्टि ही  की गयी  ,परन्तु  मशीनी  , मानवीय  या जानबूझकर  गलत इरादे से की गयी हेरा-फेरी की तरफ बैंक कर्मचारियों  या सम्बंधित  अधिकारीयों का आज तक  ध्यान ही नहीं गया। मेरी  तरह और कितने लोगों को इस तरह की ठगी व् धोखा का शिकार बनाया गया होगा  यह तो समय ही बताएगा ?

कर्नाटक  की  ATM  घटना  की  खबर पढ़ ,मैंने भी आज अनमने मन से  यह सोचकर सोशल प्लेटफॉर्म  पर शेयर  करने का मन बनाया Ɩ  शायद !ATM  के चमत्कारों के लिस्ट में एक और चमत्कार दिख जाए !  


PF , ESIC भुगतान ऑफ लाइन मोड़ - RTGS /NEFT के रूप में

 PF ,  ESIC  भुगतान ऑफ लाइन मोड़ - RTGS /NEFT के रूप में  व्यापारिक / गैर व्यापरिक संस्थानों , कंपनी , फैक्ट्री  आदि को हर  माह  अपनी  वैधानि...