21.4.20

लॉकडाउन-किरण उम्मीद की !

वैश्विक  माहमारी कोरोना के कारण  देश भर में 3 May, 20 लॉकडाउन  के कारण  जनजीवन थम सा गया है।  प्रधानमंत्री जी  की अपील पर 22 March ,20 के जनता कर्फ्यू  से  ही सभी 130 करोड़ भारतीय, देश-दुनियाजहां के दुश्मन कोरोना जिसकी   प्रकृति परमाणु  बम फटने जैसी प्रतीत  होती है, से मुकाबला करने के लिए सोशल डिस्टेंस अपनाकर लॉकडाउन का पालन करते हुए बंकर रूपी  घरों में  रहकर कोरोना योद्धाओं के साथ  लेफ्ट-राइट कदमताल मिलाते हुए  बहादुरी से मुकाबला कर रहें है।

हमने अन्य देशों जैसे  इटली, स्पेन, अमेरिका  आदि की गलती से सीख ली जहाँ मौत का एक बड़ा आंकड़ा है।
माननीय  PM ने देश के आर्थिक हानि की परवाह न करते हुए, देश की अमूल्य नागरिक पूंजी को बचाने के लिए सारी ताकत झोक दी है , कारण किसी देश के नागरिक ही उसकी सभी बड़ी पूंजी/दौलत होती है  

 जो हमारे लिए बड़े ही गौरव की बात है।

लॉकडाउन लॉकडाउन  से भले ही आर्थिक नुकसान  हो परन्तु  हमारे लिए एक यह एक उम्मीद के साथ -साथ  अवसर  भी है   उम्मीद की एक किरण है जिसमें धैर्य( धीरज ) ही हमाराबल है Ɩ रामचरित मानस में ठीक ही  लिखा है   -
धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी॥
विश्व व्यापी इस संकट में वैदिक सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) जिसकी मूल भावना ही  वसुधैव कुटुम्बकम्  है , विश्व में शांति की कामना करें  - 
ॐ द्यौ: शान्ति रन्तरिक्षँ शान्ति:
पृथिवी शान्ति राप: शान्तिरोषधय: शान्ति: ।
वनस्पतय: शान्ति र्विश्वे देवा: शान्ति र्ब्रह्म शान्ति:
सर्वँ शान्ति: शान्तिरेव शान्ति: सा मा शान्तिरेधि ॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥
(
आशय है  - हे परमात्माशांति कीजिये, वायु में शांति हो ! अंतरिक्ष में शांति हो ! पृथ्वी परशांति हों ! जल में शांति ! औषध में शांति हो! वनस्पतियों में शांति हो ! विश्व में शांति हो ! सभी देवतागणों में शांति हो ! ब्रह्म में शांति हो ! सब में शांति हो ! चारों और शांति हो ! हे परमपिता परमेश्वर शांति हो ! शांति हो ! शांति हो ! )
आइये आशावादी बन  प्रार्थना करें -
धर्म की-    जय हो !
अधर्म का -   नाश हो !
प्राणियों में -   सद्भावना हो !
विश्व का - कल्याण हो !
जय हिन्द !जय भारत !


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