17.9.22

देश में लागू एकपक्षीय विवादित क़ानून

देश में  लागू एकपक्षीय विवादित क़ानून   


इन दिनों  देश व् तमाम  सोशल मीडिया में कांग्रेस की तत्कालीन सेक्युलर सरकार दवरा  मनमाने  ढंग से पारित  एकपक्षीय  दो  कानूनों  की खूब चर्चा है - 

उनमें से पहला  है -  

 सोशल मीडिया में आम भाषा में कहा  जाना  वाला  "वर्शिप  एक्ट" (  The Places of Worship (Special Provisions) Act1991,  जिसका जिक्र  वाराणसी  ज्ञानवापी (शाब्दिक  ज्ञान का कुवां ) केस में  श्रृंगार गौरी में पूजा अर्चना की मांग को लेकर दायर याचिका के सुनवाई  में बार-बार हुआ व् जिला जज ने भी  इस वाद में  विपक्ष की  " वरशिप  एक्ट" के तहत दी  गयी  दलील जिसमें  राममंदिर को छोड़  सभी हिन्दू धार्मिक स्थलों की  यथस्तिथि की बात कही गयी है,  को यह कह कर ख़ारिज  दिया  कि  यह एक्ट इस  वाद में  लागू  नहीं  होता   व्  वाद  को सुनवाई योग्य माना।

 जो इस एकपक्षीय ढंग से पारित  कानून की लचरता को दर्शा रहा है। ठीक  इसी तरह की अतार्किक दलील प्रतिपक्ष दवरा - श्री मथुरा  श्री कृष्ण भूमि विवाद में दी जा रही है। 

इन दिनों दूसरा क़ानून -  वक्फ एक्ट - 1995   है  जिसे तत्कालीन कांग्रेस ने  2013 में पक्षपात पूर्ण तरीके से  संशोधित कर  वक़्फ़ बोर्ड  को इतनी पॉवर दी , सोशल मीडिया कह रहा है वक्फ बोर्ड  जहाँ भी  उंगली  रख दे वो जमीन उसकी सोशल मीडिया  वक्फ  की ताकत को   देश के क़ानून से भी   ऊपर  बता रहा है   . 

इन दिनों वक्फ की शक्ति  एक मजेदार नमूना तमिलनाडू से सुर्खिया में आ रहा है। टाइम्स नाउ ने इसकी  अच्छी व्याख्या की है। 

  वक्फ बोर्ड ने तिरुचेंदुरई के पूरे के पूरे हिन्दू  गांव को ही वक्फ बोर्ड  की सम्पत्ति ही  घोषित कर दिया,  जिसमें  गावं का 1500  वर्ष पुराना  हिन्दू मंदिर भी है  जो  भारत में आये  इस्लाम से  भी पूर्व का है इसका पता वहां के स्थानीय  किसान  श्री एन राजगोपालको को तब लगा  जब वे अपनी 40 वर्ष से  कब्जे में 1.2 एकड़  कृषि भूमि  को बेटी की शादी के लिए बेचने की कोशिश करने लगे पता लगा यह जमीन तो  तमिलनाडु वक्फ बोर्ड की है। उसे बेचने के लिए भी वक्फ  बोर्ड से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना होगा। लो भई  कमाल की वक्फ बोर्ड की शक्ति है।  

आज श्री एन राजगोपालको के साथ अन्याय व्स धोखे के साथ समूचा सनातन धर्म है।   तथा मांग है कि  सरकार इस अन्याय, धोखेदड़ी के खिलाफ एक्शन ले  

 यहां बड़े दुःख के साथ यह कहना पड़  रहा है कि  कन्या विवाह , शिक्षा आदि  में योगदान हिंदू मंदिर के  दान से किया जा सकता है परन्तु  सरकारों दवरा  लाखों मंदिर  अधिग्रहित है जिसके दान सरकारी खजाने में जाता है।  बिना अनुमति के यहां का दानदाता सनातनी की  सहायता भी नहीं कर सकता।  खैर सेक्युलर देश में केवल हिन्दू मंदिरों व् उनकी दान की  आय पर  ही सरकारों का कब्जा पर चर्चा क्यों ?  फिर कभी ! 

 

  सोशल  मीडिया ने उपरोक्त इन दो   विवादित  व् एकपक्षीय  कानूनों की पोल खोल कर रख दी है , सर्वोच्च न्यायलय ( सुप्रीम कोर्ट )केंद्र सरकार को  स्वतः संज्ञान  ले इस इसके  विवादित शक्तियों तुरंत  समाप्त/संशोधित करना चाहिए।  

या फिर दो  वरशिप  एक्ट व्  वक्फ एक्ट  कानूनों  को  कृषि कानूनों की तरह  संसद  में बिल लाकर समाप्त नया क़ानून बनाने की दिशा  में पहल करनी चाहिए।     

 जय हिन्द ! जय भारत !

 

 

 

 


14.9.22

केंद्र की योजनाओं से बदलती जीवन शैली

केंद्रीय योजनाओं से बदलता जीवन स्तर 

 

इन दिनों गावों- शहरों में  केंद्र द्वारा  चलायी जा रही योजनाओं का प्रभाव साफ़ नजर आ रहा है।  आइये केंद्र  की उन योजना पर नजर डाले जो  गांव-शहर  में  जमीनी स्तर पर उतर रही है -( यह अध्ययन अपने पैतृक गांव, उत्तरप्रदेश के कुछ गांव व् आस पास के छोटे शहर आदि पर  आधिरित है) -

  आएये सबसे पहले ग्रामीण  क्षेत्रों  में केंद्र द्वारा  चलाई  रही उन  योजनाओं के बारे में जानें जिसने  ग्रामीण जीवन स्तर व् वहां की जीवन शैली  को बदल दिया है।  जैसे -

1-  LPG   गैस  कनेक्शन जो कभी   शहरों तक सीमित था , आज सभी ग्रामीण  ग्रहणी के लिए भी उपलब्द्ध  है। 

2-  गांव में स्वच्छ  भारत मिशन के तहत घरघर   शौचालय की सुविधा  देने के लिए Rs..12000  के अनुदान दिया गया। आज लगभग सभी गावं  ODF -ओडीएफ प्लस( open-defecation free  ) है , अर्थात  खुले में शौच से मुक्त है  

3- गावं में निरंतर बिजली आपूर्ति  ने ग्रामीण-शहरी  जीवन के अंतर्  को कम कर दिया है 

4- गावों में  हर घर  जल -हर घर  नल  योजना  अब जमीन पर उतरती नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड आदि के  कुछ गावं में इस  योजना पर काम चल रहा है।  

  5- केंद्र की  किसान सम्मान निधि से भला कौन सा किसान परिचित न होगा , इस  योजना का बड़ी  संख्या में किसानों  को लाभ मिल रहा है 

6- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)  के तहत  राशन की दुकानों में वितरित होने वाला  अन्न  से ग्रामीण व् शहरी लोग    लाभान्वित हो रहें है 

7- अभी हाल ही में केंद्र की राज्यों में 14500  “PM श्री” स्कूलों खोलने की घोषणा शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होने की  उम्मीद है   

 8 - गावों में सर्वे के बाद प्रॉपर्टी स्वामित्व स्कीम के तहत  घरौनी  देने का कार्य हुआ।    

इसके  इलावा केंद की अन्य योजनाओं में जो लोगों के जीवन स्तर को प्रभावित कर  रहीं है -  

 बैंक के माध्यम से लागू  प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY),    जनधन खाते , डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ,  आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना,  शहरी क्षेत्रों  के गरीब लोगों के लिए पं म आवास योजना आदि-आदि ,

दिल्ली में भी केंद्र  दवरा  पालियामेंट में एक्ट पास कर  अनधिकृत कालोनियों में  रहने वाले लगभग  8 लाख घरों में लगभग 40 लाख  रहने वाले लोगों को  मालिकाना हक़ देने के लिए केंद्र की  “ पीएम-उदय योजना (PM-Uday Yojana)”  भी  इसी पहल व् जीवन स्तर  को ऊँचा  उठाने का प्रयास है।   

 

यूं तो  "हरी अनंत हरी कथा अनंता  की तरह कहने-लिखने  को बहुत कुछ है  जिनका जिक्र फिर कभी ,

अंत में यही - आज केंद्र की जमीन पर उतरती योजनाओं ने अरबों खरबों के विज्ञापनों में कागजी विकास की राजनीती को फेल कर दिया हैसरकार के कार्यों की   माउथ टू माउथ प्रशंसा हो रही है

 जगह जगह पड़ते छापों व् उनमें बरामद  अथाह काला धन , सम्पत्ति ने  नोट  बंदी की तरह लोगों के दिलों में  मोदी सरकार का  सम्मान को बढ़ा दिया है - आज  एक हर जन  सरकार  में भरोसा जता यही  गुनगुना रहा है  - 

 “चाँद  सी महबूबा हो मेरी कब  ऐसा मैंने सोचा था , हाँ तुम बिलकुल  वैसी हो जैसा मैंने सोचा था “ 

कुछ पाठक गण इस ब्लॉग को पढ़ मुझे अन्यथा ले सकते है परन्तु -

-चाहे मुझे कोई जंगली कहे , कहता है तो कहता रहे ! की तर्ज पर धन्यवाद 

जय हिन्द , जय भारत 

 

 

 

 

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