दिल्ली- निजी दफ्तर बंद ! कम्पनी एकाउंट्स सेक्शन मुश्किल में !
दिल्ली आपदा प्रबंधन
प्राधिकरण द्वारा ("DDMA"
) सोमवार 10 Jan.22 की बैठक में ओमीक्रॉन के बढ़ते फैलाव को दृटिगत रख, लिए गए फैसले में , कुछ दफ्तरों जैसे कूरियर कम्पनी, फाइनेंस कम्पनी, प्राइवेट बैंक आदि को छोड़, सभी निजी कंपनियों के दफ्तरों को बंद करने के आदेश दे दिए गए ।
इस आदेश ने निजी कंपनियों के मैनजमेंट व् एकाउंट्स/ फाइनेंस विभाग में कार्यरत लोगों के होश उड़ा दिए ।
जैसे कि सर्वविदित ही है कि विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में स्थापित औद्योगिक इकाई , प्लांटों के मुख्य कार्यालय दिल्ली में स्तिथ है।
यहीं से सभी इकाइयों के एकाउंट्स व् फाइनेंस सम्बंधित कार्य मैनजमेंट की
देख-रेख में निपटाए जाते हैं। कार्य में त्रुटी, हेर-फेर न हो , इसी लिए हर स्तर पर उच्च मैनजमेंट की स्वीकृति व् हस्ताक्षरों की आवश्यकता
होती है।
इस कार्य को "वर्क फ्रॉम होम " से सुचारु रूप से नहीं किया जा
सकता। कार्यावयन में देरी व् त्रुटि संभावना रहती है। जो व्यापार में हानि का कारण बन सकती
है ।
दिल्ली स्तिथ मुख्य कार्यालय के एकाउंट्स व् फाइनेंस डिपार्टमेंट दवरा राज्यों से बाहर स्तिथ अपनी औद्योगिक इकाई के लिए बैंक, पार्टी लेन- देन
के अतिरिक्त
इकाई के लिए उचित वित्त व्यवस्था करना, समय पर श्रमिक व् स्टाफ का वेतन भुगतान , E.P.F ,
E.S.I.C
भुगत्नान , बैंक ऋण /EMI की अदायगी करना ,TDS , GST जमा करना , GST रिटर्न फ़ाइल करना सब्मिट करना आदि अनेकों कार्य किये जाते
है । समय पर टेक्स का
भुगतान होने पर / GST आदि रिटर्न भरने से ही राज्य व् केंद्र सरकार को आय प्राप्त होती है।
गौर किया जाए तो निजी क्षेत्र का एकाउंट्स व् फाइनेंस विभाग निजी व् सरकारी क्षेत्र दोनों को एक महत्वपूर्ण सेवा देकर देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान देता है ।
एकाउंट्स
की योगदान व् महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए दिल्ली सरकार व्
DDMA को निजी क्षेत्र के एकाउंट्स व् फाइनेंस विभाग को अति आवश्यक सेवा के श्रेणी में रखना चाहिए ,
व् अविलब्ध निजी क्षेत्र के एकाउंट्स व् फाइनेंस विभाग काम करने की अविलम्ब कार्य
करने की अनुमति देनी चाहिए।
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