रेल मदद - दिल्ली - मेरठ -मुजफ्फरनगर तक लोकल ट्रेन
दिल्ली -मेरठ -मुजफ्फरनगर रेल सेक्शन पर दैनिक रेल यात्रियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसका अनुमान दिल्ली , शाहदरा , गाजियाबाद , नया गाजियाबाद , मुरादनगर , मोदीनगर , मेरठ , खतौली व् मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है।
इस रेल रुट पर काफी संख्या में लम्बे रुट की एक्सप्रेस ट्रेन हरिद्वार ऋषिकेश तक चलती है , जिनमें अनारक्षित कोच न के बराबर होते है। यात्रियों की संख्या को देखते हुए यह कोच ऊँट के मुहं में जीरा है। इन गाड़ियों व् लोकल ट्रेन में फैमिली , बच्चो के साथ खड़े होकर भी सफर करना एक महाभारत है।
दिल्ली से सुबह 5 बजे अहमदाबाद मेल-योग नगरी 19031 में जनरल कोचों में परिवार के साथ शायद ही कोई सफर कर पाए। इसी लिए सुबह इस गाड़ी के समय के आस- पास दिल्ली -मुजफ्फरनगर तक ट्रेन चलाने से यह समस्या हल हो सकती है
शाम के समय जब यही ट्रेन योग नगरी - अहमदाबाद मेल- 19032 बनकर मुजफ्फरनगर लगभग 6. 30 पर मुजफ्फरनगर पहुँचती है , तो भी जनरल कोच का यही हाल है , इसी समय यदि मुजफ्फरनगर से दिल्ली तक शटल चला दी जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है।
मेरठ , मुज़फ्फरनगर NCR के अंतर्गत है, इसी लिए मुज़फ्फरनगर- दिल्ली तक रेल शटल चलाई जानी चाहिए।
पहले एक शटल सुबह- शाम दिल्ली - मुजफ्फरनगर के बीच चलती थी जिसे बढाकर सहारनपुर तक कर दिया गया। वर्तमान में कोई शटल मुजफ्फरनगर से बनकर नहीं चलती है।
जब तक दिल्ली -मेरठ रेपिड का कार्य पूरा नहीं हो जाता तब तक रेलवे प्रशासन को रेल यात्रियों की सुविधा के लिए दिल्ली - मुजफ्फरनगर तक रेल शटल/ एक्सप्रेस ट्रेन चलाने पर विचार करना चाहिए
इन दिनों शंभू बार्डर पर कथित किसानों ने ट्रेनों के संचालन में अवरोध उत्पन्न कर रखा है , इस कारण दिल्ली -मेरठ -मुज़फ्फरनगर रुट पर लम्बी दूरी की ट्रेन जैसे शालीमार एक्सप्रेस आदि दिल्ली से आगे रद्द है। इससे इस रुट पर यात्रियों की और परेशानी बढ़ गई है। शालीमार एक्सप्रेस को दिल्ली रद्द करने के बजाय , सहारनपुर तक बढ़ा कर रद्द्द कर दिया जाए , तो यात्रियों की सुबह शाम की सफर की समस्या को कम किया जा सकता है।
क्या रेलवे से मदद मिल पाएगी
जय हिन्द जय भारत