निबंध व् कम्युनिकेशन स्किल
कम्युनिकेशन
स्किल या संचार कौशल-माहरत वो कला है, जिसमें एक
व्यक्ति अपनी बात दूसरे तक मौखिक , लिखित , पिक्चर
, इशारे आदि के माध्यम से प्रभावी ढंग से
पहुँचाता है lआज जीवन के हर क्षेत्र में
कम्युनिकेशन स्किल या संचार कौशल या लेखन शैली का बड़ा रोल है l अखबार, किताबें, फ़िल्में, फ़िल्मी गाने , साहित्य , नेताओं के भाषण आदि एक बेहतरीन प्रभावी कम्युनिकेशन कौशल का ही नमूना है l
ग्लोबल होती दुनिया में नौकरी के क्षेत्र में कम्युनिकेशन स्किल रखने
वाले व्यक्ति की भारी मांग है l किसी साहित्यकार , पत्रकार
, टीचर , नेता
, अभिनेता , लेखक
आदि का कॅरियर उसके कम्युनिकेशन स्किल या संचार कौशल-माहरत पर ही निर्भर करता है l आज कुछ
लोग कम्युनिकेशन स्किल की योग्यता अंगरेजी को ही मानते है ,पर
ग्लोबल होती हिन्दी, जिसे हम हिंगलिश (जिसमें हिन्दी , अंग्रेजी व् अन्य भाषा के वो शब्द भी शामिल हो जो हमारी
रोजमर्रा की बोल चाल में प्रयोग होते है ) भी कह सकते है, में कम्युनिकेशन स्किल के महत्व को नकारा नहीं जा सकता l
इसका ताजा उदहारण हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी है जो हिन्दी में ही कम्युनिकेट
करते है l हिन्दी के प्रभावशाली कम्युनिकेशन स्किल के कारण वह हिन्दुस्तान ही नहीं अमेरिका तक में छा गए l
मोदी जी का – “सबका साथ, सबका विकास का नारा ,125 करोड़ भारतीयों में ही नहीं भारतीय मूल के
लाखों अमेरिकियों में भी सिर चढ़
कर बोल रहा है l
स्कूलों
में विशषकर 6th से 12th तक हिन्दी , इंग्लिश विषय की परीक्षा में निबंध लिखने को आता है l निबंध लेखन से छात्रों में संचार-कौशल , कम्युनिकेशन स्किल का डवलपमेंट होता है, जो जीवन भर काम आता है l
विद्यार्थी जीवन में निबंध के जरिये कम्युनिकेशन स्किल की एक घटना मुझे आज
तक याद है l 8th की अर्धवार्षिक परीक्षा में हिन्दी विषय की परीक्षा में निबंध का
विषय था - “वर्षा ऋतु का वर्णण”
l मै
निबंध बिना याद किये ही अपने मन से लिखता था l किसान परिवार में जन्म
होने व् खेत पर काम करने के अनुभव ने मुझे कल्पनासील बना दिया l खेत में पानी देते समय
मै खेत की मेंढ पर बैठ, गन्ना चूसते हुए , झींगुर की आवाज , मेंढक की टर-टर , सुनसान अंधेरी रात में खेतों में उड़ते जुगनू को देख ,विचारों में
खो जाता और तारों की घनी छाव में बराबर में लालटेन व् फावड़ा रख , प्रकृति की खूबसूरती का मन
से निहारता l भला ऐसे विचारक को वर्षा ऋतू का निबंध लिखने में क्या दिक्कत हो सकती थी l
मेरे
निबंध लिखने की कला गुरू जी भा गई l पूरी कक्षा के सामने मुझसे मेरा
लिखा निबंध पढ़वाया गया l डर से
बुरा हाल था l कारण मैंने निबंध किसी किताब से याद न कर अपनी कल्पना से लिखा था l
सभी सहपाठी निबंध बड़ी तल्लीनता से सुन रहे थे l अंत में गुरू जी
ने मुझसे पूछा – “ निबंध कौन सी किताब से याद कर लिखा ? / मैंने डरते हुए
सारा किस्सा ब्यान कर दिया l सर! वर्षा ऋतू पर लिखा गया यह निबंध
मैंने स्वयं अनुभव कर अपनी कल्पना से लिखा है l मै रात में अपने खेत
में पानी देने जाता हूँ l इस लिए मैंने जैसा देखा , अनुभव किया लिख
दिया l गुरू जी ने पूरी क्लास के सामने मेरे लेखन को सराहा बोले - “बताओं कितने नंबर दूँ “?
तो ये है कम्युनकेशन स्किल का
कमाल ! आज ब्लॉगिंग भी कम्युनिकेशन स्किल डेवलमेंट का ही एक हिस्सा है जिसमें
अनजाने भी हमारे विचारों से प्रभावित हो टिप्पणी करने को विवश हो जाते है l आइये
भावी पीढ़ी में अच्छी कम्युनिकेशन स्किल
का विकास करने में अपना अपना यथासंभव योगदान
दें ?
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