रेड लाइन मेट्रो- महिला कोच
9 मार्च,19 से (रिठाला-
शहीद स्थल (NBA) रेड लाइन मेट्रो में दोनों
ओर से गाड़ी की गति की दिशा की ओर का प्रथम कोच महिलाओं
के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
प्लेटफॉर्म व् मेट्रो में
होने वाली उद्घोषणा पर उचित ध्यान न देने के कारण महिला व्
पुरूष यात्रियों में 9 मार्च,19 से
लेकर अभी तक महिला कोच को लेकर भ्रम की स्तिथि बनी हुयी
है।
पीक आवर्स के
समय रिठाला से शहीद स्थल (NBA) की ओर जाने वाली
मेट्रो में गाड़ी की गति की ओर का प्रथम कोच जहां महिलाओं के लिए
आरक्षित रहता है , वही गाड़ी का अंतिम जनरल
कोच भी अनधिकारिक रूप से महिलाओं के लिए ही आरक्षित ही रहता है ( 09.03 से 13.03.19 लगभग तक यही
स्तिथि रही।
वैसे "ignorance of law excuses no one. है, इन दिनों
इसी कन्फूजन के कारण, मेट्रों में जनरल यात्रियों को यात्रा
में असुविधा व् भीड़ का सामना करना पड़ रहा है।
वैसे यदि
DMRC महिला कोच में परिवर्तन की सूचना अनाउंसमेंट के साथ- साथ न्यूज
पेपर्स में भी देता तो भरम की
स्तिथी न बनती ।
वैसे कहीं कहीं यह लोक गतानुगतिलोके
के सिद्धांत अर्थात एक दूसरे का अनुसरण पर चलता है ।
वैसे यात्रियों को मेट्रों
में उद्घोषणा ध्यान देना चाहिए। सत्य भी है - ध्यानपूर्वक गुनकर किया
जाने वाला नामुमकिन कार्य भी मुमकिन हो सकता है
। जैसे भारतीय वीर , पराक्रमी सेना
दवरा अद्भुत, अदिव्तीय, अकल्पनीय व् दुश्मन को अचम्भित
कर देने वाली - सर्जिकल स्ट्राइक-1, एयर सर्जिकल स्ट्राइक-2
। जिसने पकिस्तान की गैर-परम्परागत (Non-Conventional) आर्मी
पर एयर स्ट्राइक कर, सौ सुनार की, एक
लौहार की कहावत को सचमुच में ही जीवंत देश के लिए जान हथेली
पर लेकर नामुमकिन को मुमकिन कर
दिया ।।
वन्दे मातरम के साथ -जय हिन्द !
जय भारतं ! x
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