8.5.24

वोटिंग में विकास आधार हो या फ्री का चन्दन घिस मेरे भाई वाला आधार

वोटिंग में  विकास  आधार हो या मुफ्त की सुविधा का आधार    
भारत  में इन दिनों  लोक सभा चुनाव हो रहे है।  7 चरणों में होने वाले चुनाव में अभी तक 3 चरणों का मतदान संपन्न हुआ है  ( 19 अप्रैल , 26 अप्रैल , 7 मई )  अभी 4 चरणों के चुनाव क्रमशः 13 मई , 20 मई ,25 मई व् 1 जून का चुनाव बाकी है।  दिल्ली में छठे चरण अर्थात 25 मई को चुनाव होना है। 
पार्टियों के  पिटारे  में वोटरों  को रिझाने के लिए अपनी अपनी  मुफ्त की स्कीमें है।  कोई फ्री की रेवड़ी का जिक्र कर रहा है  मगर मोदी जी विकास की गारंटी का दे रहें है । 
 मोदी जी की 10  वर्षीय  सरकार ,  देश में  विकास  कार्य हुए , वहीं  भयमुक्त , दंगामुक्त  , आतंकवाद मुक्त देश  बना।  कोरोना  काल में  मुफ्त टीके लगे।   हर घर जल हर घर नल  का इंतजाम हुआ।  
 किसान सम्मान निधि मिली ,  गरीब को  स्वस्थ आयुष्मान  योजना  का लाभ मिला , उज्वला  स्कीम के तहत रसोई गैस मिली , स्वच्छ भारत मिशन के तहत  हर घर  टॉयलेट की सुविधा प्रदान की गयी।  
गरीब को  मुफ्त राशन  मिला  आदि आदि।  
 विश्व में उथल पुथल  होने के बावजूद सफल विदेश नीति  रही।   देश विदेश में सनातन धरम की ब्रांडिंग कर  सनातन को बुलंदी पर पहुंचाया। 
  कश्मीर  व राम मंदिर जैसे जटिल मुद्दे बड़ी ही खूबसूरती से सदा-सदा के लिए  हल किये।  मथुरा व् काशी भी हल होने की उम्मीद है।  इसी लिए मोदी जी विकास को गारंटी को आधार बनाकर अपने पक्ष में वोट करने की अपील कर  रहें  है ।  स्कीमों के लाभ  ने वोटरों  के मन  में विश्वास पैदा किया है। जो  वोटर के मन में गहरी छाप छोड़ रही है। 
 उत्तरप्रदेश में योगी जी गुंडा राज खत्म किया , प्रदेश  को विकास की  राह पर चलाने का काम किया , इसी से  आम जनता खुश  है।  
वहीं कुछः  विपक्षी  पार्टी महा घोटालों में  फंसी  है  ऐसा लगता  है  भ्रस्टाचार को  कुछ नेताओं  ने  अपना जन्म  सिद्ध अधिकार मान लिया है। इसी लिए उनके  तरकस में फिर से  घिसे-पिटे तीर निकल रहें है।   और वोटर को लुभाने की असफल कोशिश में लगे है।  फ्री बिजली , फ्री पानी , मुस्लिम आरक्षण , सम्पदा टैक्स ( एस्टेट ड्यूटी ) जैसे  वादे उनके मैनुफेस्टों में है।   विकास की योजनाओं , विदेश नीति आदि के नाम पर ठन- ठन  गोपाल।  
विपक्षी राज्य सरकार का विकास मॉडल देखकर, सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है 
एक ज्वलंत  उदहारण दिल्ली के फ्री बिजली , फ्री पानी  का है।  विकास की योजना अटकी पडी है , बात बात पर  दिल्ली विधान सभा में जहां जनता की समस्या पर विचार होना चाहिए था , वहां विषेअधिकार का लाभ ले केंद्र व् मोदी को  अनपढ़ राजा की कहानी सुनाई  जा रही है।  केंद्र से टकराव से  दिल्ली  की जनता का अहित हो रहा है। 
दिल्ली में मुफ्त पानी का एक कड़वा सच यह भी है  कि  खुराना जी  की सरकार तक दिल्ली में  एक माह का  पानी का बिल केवल 11 रुपए आता था।  परन्तु शीला दीक्षित की सरकार ने  पानी व् सीवर दरों में बड़ी  वर्द्धि की  जो अभी तक लागू है, दिल्ली सरकार को पानी की दर  को कम करना चहिये था  परन्तु सरकार ने  बिलों को माफ़ करने का रास्ता चुना। 
दिल्ली में ही  घोटालों की लम्बी सूचि  है , जिसने  दिल्ली के फ्री मॉडल पोल  खोल कर  दी है।  विज्ञापन पर करोड़ों का खर्च , वकील, कोर्ट   फीस पर  जनता की कमाई का खर्च।   सड़कों की हालत खराब। दिल्ली जल बोर्ड का खराब पानी आता है इसी लिए  पीने के लिए  हर घर में  पानी खरीदा जा रहा है।  दिल्ली में  सोशल मीडिया पर  घोटालों की नयी नयी  चीजें  उजागर  हो रहीं  है। 
 
इस तरह  से हमने  सत्ता में आने के लिए दो मॉडल देखे ,  एक फ्री वाला , दुसरा  मोदी जी विकास की गांरटी वाला। 
 भेड़ों को फ्री में कम्बल बाँटने के लिए मुंडाई की  भेड़ों की होती है। ठीक इसी तरह  फ्री  मॉडल में टेक्स पेयर्स का पैसा लुटता  है। विकास बाधित होता है।  सरकार के पास विकास के नाम पर पैसा ही नहीं बचता। 
ठीक इसी प्रकार  विकास का मॉडल में रोजगार  का  सर्जन  होता  है , देश की तरक्की होती है।  
अतः विकास की गारंटी देने  वाली को ही वोट करें।  सच ही  है  -
एकै साधे सब सधै, सब साधै सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय॥  

 आइये आने वाली चरणों में अधिक  अधिक  विकास की गारंटी पर वोट करें। 
 25 मई को दिल्ली में  छठे चरण  का मतदान है।  यदि अपना भविष्य व् कमाई  सुरक्षित चाहते है तो मतदान अवश्य करें।    


जय हिन्द जय भारत 






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