14.7.24

दिल्ली -मेरठ रैपिड मेट्रो हरिद्वार तक विस्तार

13 जिलों, 2  मंडलों (गढ़वाल व् कुमायूं)  व्   विशेष दर्जा प्राप्त उत्तराखंड जो जिसकी  सीमा  देश के अन्यों राज्यों  हिमाचल व्के उत्तरप्रदेश के  अतरिक्त चीन/तिब्बत  , नेपाल से मिलती है। इस राज्य  का निर्माण ,नवम्बर  2000 को हुआ।  उत्तराखंड  राज्य में  हरिद्वार  तीर्थ स्थल का एक महत्वपूर्ण  स्थान रखता   है।

   यह राज्य हरिद्वार तीर्थ स्थल के अतिरक्त  महत्त्वपूर्ण   इंडस्ट्रियल  एरिया  जैसे सिडकुल  हरिद्वारभगवानपुर  इंडस्ट्रियल  एरियालिबबरेड़ी  इंडस्ट्रियल  एरिया , लक्सर / खानपुर   भी रखता है जो राज्य  व्  देश की   अर्थव्यवस्थारोजगार  में एक महत्वपूर्ण  योगदान देता है।  

यह हर्ष का विषय है जो सत्य  भी है कि देवभूमि  उत्तराखंड के निमार्ण के बाद से हरिद्वार आने वाले  तीर्थ यात्रियों की संख्या में तीव्र   वर्द्धि  हुई है जो राज्य के पर्यटन उद्योग व् रोजगार के लिए एक शुभ संकेत है। 

प्रत्येक  शनिवार व्  रविवार को सड़कों पर यातायात  से इसका अनुमान सहज  ही लगाया जा सकता है।  इन दिनों  सड़क पर ट्रेफिक  बढ़ जाता है व्  जाम की स्तिथि पैदा हो जाती है।  ट्रेनों में   हरिद्वार तीर्थ  यात्रियों की असमान्य भीड़ है।  नेशनल हाइवे  मंगलोर कस्बे में  शनिवार व् रविवार  को  हाइवे पर जाम लगना  आम बात  है। यहां बाई पास या फ्लाईओवर की आवश्यकता है।  

 

 हरिद्वार में वर्ष भर तीर्थ यात्रियों  का  भारी  संख्या में आवगमन  होता है ,   कुम्भ  मेलावार्षिक कावड़  यात्रा  आदि के  समय  तीर्थ यात्रियों  की अभूतपूर्व रूप से  संख्या बढ़ जाती  है तीर्थ  यात्रियों को आवागमन में  काफी असुविधा का सामना करना पड़ता  है।  एक  तरह यह तीर्थ व तीर्थ यात्री हरिद्वार देश को  जोड़ने  का काम करता है। यह आवागमन  अखंडता के लिए एक  अभूतपूर्व कार्य करता है।   

वार्षिक कावड़ यात्रा के समय प्रशासन  किसी  अप्रिय घटना के  डर  से  यातायात को कुछ समय के लिए  नियंत्रित करता है  , वार्षिक कावड़ यात्रा प्रत्येक वर्ष जुलाई में होती है।  वर्ष 2024  पवित्र कावड़ यात्रा व् ट्रेफिक को नियंत्रित करने का  समय 22  जुलाई से 2 अगस्त की बीच है। 

 निश्चित रूप से इससे उद्योग धंधोसामान्य यात्रियों के आवागमन पर थोड़ा बहुत  विपरीत प्रभाव पड़  सकता है। परन्तु देश व्  असंख्य सनातनी तीर्थ यात्रियों व् उनके साथ जुड़े रोजगार व् धार्मिक  भावना को देखते हुए, यह कुछ भी नहीं है 

 हरिद्वार में भारी  तीर्थ यात्रियों की संख्या को देखते हुए उद्योग धंधो अन्य यात्रियों के आवागमन सुगम  बनाने के लिए व  कुम्भ मेले के समय दिल्ली, गाजियाबाद  मेरठमुजफ्फरनगर  , रुड़की आदि शहरों के इंफ्रास्ट्रक्टर का उचित  भरपूर प्रयोग करने के लिए  दिल्ली -हरिद्वार तक एक समर्पित ( डेडिकेटेड ) ट्रेन  कॉरिडोर की  तीव्र आवश्यकता है, क्योंकि  इस समय तीर्थ यात्रियों की भीड़ को देखते हुए   रेल बस या अन्य यातायात के साधन कम पड़ते नजर आ रहें है।  

 

इसी बात को  दृटिगत  रखते हुए ,   केंद्र की मोदी  सरकार से ( जो अपने जनहित  व् दृढ निर्णय  लेने  की माहरत रखती है ) व् अभूतपूर्व रूप से केंद्र में नॉन कांग्रेस लगातार तीसरी बार आयी है 

 अनुरोध है कि जल्द ही  दिल्ली-मेरठ रेपिड मेट्रो कॉरिडोर को   मुजफ्फरनगर- रुड़की  होते हुए हरिद्वार तक विस्तार  देने  की  दिशा में विशेष कदम  उठाये।  

 

जय हिन्द ! जय भारत !

 

 

x

 


No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

आयुष्मान वय वन्दना कार्ड -एक दीवाली गिफ्ट

आयुष्मान वय वन्दना कार्ड - एक दीवाली गिफ्ट   घर के   बुजुर्गों की   चिंता सभी को   रहती है ,   हम सभी अपनी-अपनी आर्थिक    सामर्थ्य-क्षमता ...