उत्तराखंड टूरिज्म पर नजर डाले तो देखते है कि 9 Nov, 2000, उत्तरप्रदेश के 13 जिले से मिलकर बना भारत का 27 वां राज्य उत्तराखंड में वर्ष 2019 तक लगभग 19 वर्षों में धार्मिक व् अन्य टूरिज्म में
बहुत ही तेजी से वर्द्धि
हुई है Ɩ
निश्चित ही यह राज्य
विकास, आर्थिक आधार को मजबूत बनाने व् देश के एकता , अखंडता व् सांस्कृतिक एकता के लिए
बड़ा ही शुभ
संकेत है।
गर्मियों में देहरादून, मसूरी, नैनीताल, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि स्थानों में देश-विदेश से करोड़ों
की संख्या में यात्री आते
है।
धार्मिंक आस्था से ओत-प्रोत करोड़ों यात्री गंगाजल का आचमन कर , पवित्र गंगाजल में स्नान व् धार्मिक अनुष्ठान हरिद्वार में करते है Ɩ धार्मिंक त्योहारों
व् वीक एन्ड पर तीर्थ
यात्रियों की यहां भारी
वृद्धि लोगों
की आस्था का द्योतक है Ɩ
जुलाई -सावन महीने से कांवड़ यात्रा के समय तो हरिद्वार
की ओर जाने वाले हाइवे पर सावर्जनिक
व् निजी वाहनों
की लम्बी कतारें लग
जाती है। आस-पास
का जीवन कुछ दिनों
के लिए ठहर सा जाता है। कुम्भ
के समय श्रद्धालुओं
की संख्या के आगे
सभी प्रबंध बोने साबित
हो जाते है ।
उपरोक्त
तथ्यों को ध्यान में रख , राज्य में पर्यटन विकास, पर्यावरण सुरक्षा, तीर्थ यात्रियों की धार्मिक यात्रा को सुरक्षित, आरामदेय
बनाने व् यात्रियों के ठहरने की समुचित व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए केंद्र व् राज्य सरकार को संयुक्त
प्रयास कर, यहां
मेट्रो का निर्माण एक सार्वजनिक
यातायात प्रणाली के रूप में करना चाहिए।
मेट्रो रुट हरिद्वार के नारसन ब्लॉक से शुरू होकर रूड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश ,देहरादून तक चलाया जाना चाहिए।नारसन ब्लॉक से मेट्रो
सेवा शरू होने से कुम्भ या अन्य आयोजनों के समय
तीर्थ यात्रियों के भारी दबाव को कम करने
के लिए, वाहन पार्किंग
व् अन्य व्यवस्था इस क्षेत्र में की जा सकती है। इससे हरिद्वार तीर्थ स्थल पर यात्री सुविधा से पहुंच सकते है व् यहाँ यातायात का दबाव कम करने में सहायता मिलेगी ।
राज्य
में सुगम सार्वजनिक यातायात साधन होने पर भविष्य में यहां नैनीताल हाईकोर्ट बैंच की स्थापना की जा सकती है Ɩ न्याय के विकेन्द्रीकरण से नैनीताल में भीड़ कम होने
से प्राकृतिक पर्यावरण संतुलन और अधिक बनाने में सहायता मिलेगी Ɩ साथ ही राज्य के लोगों को शीघ्र व् सस्ता न्याय मिलने
में आसानी होगी।
भविष्य
में केंद व् उत्तरप्रदेश सरकार विचारकर, पश्चिमी उत्तरप्रदेश क्षेत्र को यहां स्थापित
होने वाली नैनीताल हाईकोर्ट बेंच की न्यायिक सीमा क्षेत्र में लाकर,
यहां लोगों की दशकों पुरानी मांग को पूरा कर सकती है।
आशा
है निश्चित ही –“ सबका-साथ, सबका-विकास
व् सबका विश्वास” जीतने वाली
महा जन समर्थन से बनी पूर्ण
बहुमत की केंद्र सरकार निश्चय ही इस दिशा में उचित व् ठोस कदम उठाएगी।
जय
हिन्द ! जय भारत!
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