11.2.13

गैलिलियो गैलिली युग की वापसी ?




लीक से हटकर नए विचार , नयी खोज का आज विरोध होना आम बात है / लगता है ,आज हमें नए विचारों ,खोजों की जरूरत ही नहीं ? फिर भी समाज में नई व् अलग सोच रखने वाले लोग अपनी जान जोखिम में डालकर हमारे सामने अपने विचार रखते है /
शुरू में विरोध होता है, पर अंत में लाभ मिलने पर देश , समाज उसे आसानी से स्वीकार भी कर लेता है / स्वर्गीय राजीव गाधी ने जब कम्प्यूटर का विचार भारत में किया तो लोगों ने हाय तौबा मचा दी / पर आज उसी कंप्यूटर की बदोलत भारत स्नेक- चार्मर से माउस-चार्मर बन दुनिया को अगुंली पर नचा पाने में कामयाब है / चाणक्य की अखंड भारत की कल्पना का सबने मजाक उड़ाया पर साकार होने पर सब उसकी अदभुत विचार कल्पना की सराहना करने लगे / शेख मुजीब की बंगलादेश की कल्पना , गांधी जी की देश की आजादी की कल्पना भी ऐसे ही विचार थे /
दिल्ली से रेल द्वारा पवित्र मक्का-मदीना, हज यात्रा , भारत से अफगानिस्तान , इरान , ईराक रेल यात्रा का विचार आज हास्यापद पद लग सकता है / भारतीय समाज मे कभी विधवा-विवाह , सती-प्रथा पर रोक जैसे विचार भी इसी श्रेणी के थे /
समाज देश, धर्म को जीवंत बनाने व् उसकी तरक्की के लिए नये विचार , खोज एक सतत प्रकिर्या है जो अत्यंत अनिवार्य हिस्सा है / समय, स्थान, देश काल के अनुसार हर भाषा, रहन-सहन,बोल-चाल, खान-पान में निरन्तर बदलाव हुआ है / ग्लोबलाइजेशन, हाई स्पीड हवाई जैट युग, इंटरनेट की दुनिया में पूरी दुनिया एक शहर जैसी हो गयी है/ धार्मिक रीति-रिवाजों, विचारों, भाषा, खान-पान, रहन-सहन आदि में बदलाव लाजिमी है/ जेट व् अन्तरिक्ष युग में लकीर का फ़कीर, कुवें का मेढक बन कर,नहीं जिया जा सकता / " साधू ऐसा चाहिए जैसे सूप सुभाव्, सार-सार को गहि रहे थोथा देय उडाय" के सिधांत पर चल कर ही आगे बढ़ा जा सकता है /
महान विचारक व् वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली जो इटली के पासा शहर में पैदा हुए थे   (15 February 1564 - 8 January 1642) ने कुछ् ऐसी खोज की जो वहां की धार्मिक मान्यताओं का खंडन करती थी उनमें से एक कॉपरनिकस के सिधांत की पुष्टि भी थी /जिसके अनुसार पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है / परन्तु चर्च की धार्मिक मान्यता अनुसार सूर्य प्रथ्वी के चक्कर काटता था / धार्मिक मान्यता के विपरीत खोज करने पर उन्हें जेल में यातना के साथ जीवन काटना पडा / यद्यपि 350 वर्ष के बाद वेटिकन सिटी में इसाई धर्म की सर्वॊच्च संस्था ने यह स्वीकार किया कि गैलीलियो के प्रति अन्याय हुआ /
यहाँ मेरा यहाँ कहने का तात्पर्य यही है कि देश धर्म , समाज को नये व् अच्छे विचारों का हमेशा स्वागत करना चाहिए / बात बात पर आज जिस प्रकार नये विचारों का विरोध हो रहा है उससे तो यही लगता है जैसे भारत में गैलिलियो गैलिली युग की वापसी हो रही हो ?




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